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एलएलबी फुल फॉर्म (LLB Full Form in Hindi) - कोर्स, प्रवेश, पात्रता, फीस, पाठ्यक्रम, कॅरियर

एलएलबी फुल फॉर्म (LLB Full Form in Hindi) - कोर्स, प्रवेश, पात्रता, फीस, पाठ्यक्रम, कॅरियर

Edited By Alok Mishra | Updated on Feb 16, 2024 10:21 AM IST | #L.L.B
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एलएलबी का फुल फॉर्म क्या है - कानून के क्षेत्र में कॅरियर की तलाश करने वाले उम्मीदवार उत्सुकता से जानना चाहते है कि एलएलबी का फुल फॉर्म क्या है। एलएलबी का फुल फॉर्म (LLB full form in hindi) बैचलर ऑफ लॉ होता है। इसके साथ ही छात्र यह प्रश्न भी पूछते हैं कि एलएलबी कितने साल की है? किसी भी विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले उम्मीदवार 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम को कर सकते हैं जबकि 5 वर्षीय एलएलबी एकीकृत विधिक डिग्री (5-year LLB integrated law program) है जिसकी पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद की जा सकती है।

एलएलबी क्या है (llb kya hai ) - एलएलबी शब्द लेगम बैकालॉरियस (Legum Baccalaureus) से लिया गया है। एलएलबी, जिसे बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ के नाम से भी जाना जाता है, एक 3 साल या 5 साल की अवधि का अंडरग्रैजुएट लॉ प्रोग्राम है जिसकी पढ़ाई क्रमशः स्नातक और 10 + 2 के बाद की जा सकती है। बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ असल में विधि (लॉ) का एक बुनियादी पाठ्यक्रम है जिसमें छात्रों को पेशे में अपनाई जाने वाली कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में पढ़ाया जाता है। पाठ्यक्रम छात्र को कानूनी मामलों की तार्किक, विश्लेषणात्मक और समालोचनात्मक समझ विकसित करने में मदद करता है और समाज के विधिक, सामाजिक और कानूनी मुद्दों को हल करने के लिए इन कौशलों का उपयोग कैसे करें, इसकी जानकारी दी जाती है।

पाठ्यक्रम बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा अनुमोदित कॉलेजों द्वारा कराया जाता है। ध्यान रहे कि भारत में लॉ की प्रैक्टिस करने के लिए एलएलबी डिग्री धारक को बीसीआई द्वारा आयोजित की जाने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) में भी अर्हता प्राप्त करनी होगी।

3 वर्षीय बैचलर ऑफ लॉ को आम तौर पर छह सेमेस्टर में विभाजित किया जाता है, और छात्र बुनियादी कानून से शुरू करते हुए धीरे-धीरे संवैधानिक विधि, कुटुंब विधि, न्यायशास्त्र, आईपीसी, सीआरपीसी, अनुबंध के कानून आदि जैसे अन्य विषयों में प्रवेश करते हैं। पाठ्यक्रम के हिस्से के तौर पर छात्रों को अपने ज्ञान को आगे बढ़ाने तथा कानूनी पेशे के वास्तविक अनुभव प्राप्त करने के लिए कानून फर्मों, कॉर्पोरेट संगठनों एवं अदालतों में इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी करना पड़ता है।

एलएलबी डिग्री का फायदा

आगे की शिक्षा के लिए ठोस आधार – इसके कई कोर्स छात्रों को कानून की पढ़ाई को व्यवसाय या लेखांकन के साथ-साथ अन्य डिग्री को लॉ से जोड़कर सशक्त बनाने का काम करते हैं।

नौकरी के बहुत से विकल्प - वकील होने के अलावा, विधि स्नातक विभिन्न क्षेत्रों जैसे मीडिया और लॉ, अकादमिक क्षेत्र, वाणिज्य और उद्योग, सामाजिक कार्य, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में काम करने के लिए सशक्त उम्मीदवार होते हैं।

वित्तीय स्थिरता – लॉ डिग्री तत्काल सफलता या बहुत बड़ी राशि की गारंटी भले नहीं देता है लेकिन ऐसा होना तय है। यह पेशेवर उपाधि उन लोगों की तुलना में अधिक कमाई और नौकरी की सुरक्षा प्रदान करती जिनके पास यह नहीं है।

गहन चिंतन और विश्लेषण कौशल में महारत- कानून के अध्ययन में अर्जित ज्ञान और कौशल छात्रों को जटिल परिस्थितियों या समस्याओं के दोनों पक्षों का विश्लेषण करने और ठोस तर्क और गहन चिंतन के आधार पर प्रभावी समाधान देने में सक्षम बनाता है।

कानूनी की मदद से फर्क पैदा करने की शक्ति – आपमें न्याय की मजबूत भावना हो सकती है और आप व्यवस्था के दोषों को दूर करने के इच्छुक हो सकते हैं। विधि की पढ़ाई आपको वह जानकारी और योग्यता प्रदान करती है जिससे आप अंततः इन महत्वपूर्ण बदलावों के लिए प्रयास कर सकें।

एलएलबी की पेशकश करने वाले भारत के शीर्ष एलएडब्ल्यू कॉलेज (Top LAW Colleges in India offering LLB)

एलएलबी के प्रकार (Types of LLB)

5-वर्षीय एकीकृत लॉ प्रोग्राम (5-year integrated law programme) के शुरू होने से पहले उम्मीदवारों के लिए 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम का ही विकल्प था। अब 5 वर्षीय पाठ्यक्रम की लोकप्रियता में वृद्धि हो चुकी है और 3-वर्षीय लॉ डिग्री (3-year law programme) का प्रभाव थोड़ा कम हुआ है।

एलएलबी के प्रकारों की बात करें तो, स्नातक होने के बाद किया जाने वाला लॉ कोर्स, विशिष्ट 3-वर्षीय एलएलबी कार्यक्रम है जो लगभग सर्वव्यापी है, क्योंकि यह अधिकांश प्रमुख और सामान्य विश्वविद्यालयों से किया जा सकता है। हाल के दिनों में पाठ्यक्रम को 5-वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम से प्रतिस्पर्धा मिल रही है और 5-वर्षीय एकीकृत प्रोग्राम तेजी से लोकप्रियता हासिल करता जा रहा है।

यूके में कुछ कॉलेजों द्वारा कराए जाने वाले 4-वर्षीय एलएलबी कार्यक्रम की ही तरह 4-वर्षीय एलएलबी भी मौजूद हैं। इस मामले में, एलएलबी कोर्स को अन्य विषयों के साथ जोड़ा जाता है और इसमें एक अतिरिक्त वर्ष लगता है। विषय संयोजन में विधि और राजनीति, या विधि और मानवाधिकार शामिल हो सकते हैं।

लेकिन ध्यान दें कि 4 साल का एलएलबी प्रोग्राम भारत में सामान्य नहीं है।

यह भी पढ़ें: बीबीए एलएलबी

एलएलबी के लिए पात्रता (LLB Eligibility)

बैचलर ऑफ लॉ के पात्रता मानदंड कॉलेजों में भिन्न हो सकते हैं, विशेष रूप से न्यूनतम अंकों से संबंधित; पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को देखें। यह महत्वपूर्ण है कि उम्मीदवार पात्रता मानदंड पहले से जानते हों और पूरा करते हों नहीं तो प्रवेश प्रक्रिया के किसी भी चरण में उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है।

एलएलबी कार्यक्रम का पात्रता मानदंड (Eligibility criteria of LLB programme)

1. योग्यता परीक्षा: चूंकि 3 वर्षीय एलएलबी स्नातक के बाद किया जाने वाला लॉ प्रोग्राम है, इसलिए लॉ की डिग्री के इच्छुक उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए ( BA, B.Com, B.Sc, BBA, BCA) होना चाहिए।

2. योग्यता परीक्षा में न्यूनतम अंक: वांछित न्यूनतम अंक भिन्न हो सकते हैं। कुछ कॉलेज 50% की मांग करते हैं, जबकि अन्य केवल 45% की आवश्यकता होती है तो कुछ स्नातक की माँग करते हैं। इसके अलावा, आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम अंकों में छूट मिलती है।

3. आयु सीमा: पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा तय नहीं है।

4. अन्य मामले: ऐसे उम्मीदवार जो स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष/सेमेस्टर परीक्षा में उपस्थित हो रहे हैं, वे भी कानून की डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कॉलेज द्वारा निर्धारित अन्य पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने की आवश्यकता है, जिसमें उम्मीदवार प्रवेश लेना चाहता है।

यह भी पढ़ें: बीएलएस एलएलबी

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एलएलबी प्रवेश

ग्रैजुएशन के बाद एलएलबी लॉ डिग्री कोर्स (LLB law degree course) में एडमिशन ले सकते हैं। एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दो चैनलों के माध्यम से किया जा सकता है: 1) प्रवेश परीक्षाओं के अंकों के आधार पर जैसे पीयू एलएलबी, डीयू एलएलबी, और एमएच सीईटी लॉ और 2) योग्यता परीक्षा (12वीं) के अंकों के आधार पर।

उम्मीदवार जिस कॉलेज में प्रवेश चाहते हैं उसके अनुसार परीक्षा का चुनाव करना चाहिए। उदाहरण के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए डीयू एलएलबी प्रवेश परीक्षा में सफलता पानी होती है। परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले निर्धारित पात्रता मानदंड की जाँच कर लेनी चाहिए। परीक्षा में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर काउंसलिंग और सीट आवंटन के लिए मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।

योग्यता परीक्षा के अंकों के आधार पर सीधे प्रवेश की प्रक्रिया एक अन्य तरीका है। केएसएलयू की प्रवेश प्रक्रिया इसका एक अच्छा उदाहरण है। इस मामले में कोई प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाती और उम्मीदवार से केवल योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण होने, न्यूनतम अंक, और जन्म संबंधी पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने की अपेक्षा की जाती है। इस मामले में योग्यता सूची योग्यता (स्नातक) परीक्षा के अंकों को देखते हुए तैयार की जाती है।

ध्यान दें कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलएस) 3 साल के बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ डिग्री प्रोग्राम की पेशकश नहीं करते हैं। उनके पास स्नातक स्तर पर केवल 5 वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम (5 year integrated programmes) हैं।

शीर्ष एलएलबी परीक्षा (Top LLB Exams)

3 वर्षीय एलएलबी लॉ डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा को कई श्रेणियों- राष्ट्रीय स्तर (डीयू एलएलबी), विश्वविद्यालय स्तर (बीवीपी सीईटी लॉ), और राज्य स्तर (एमएच सीईटी लॉ) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं किसी भी उम्मीदवार द्वारा दी जा सकती हैं, लेकिन राज्य स्तरीय परीक्षाएं आम तौर पर केवल उस राज्य के मूल निवासियों के लिए होती हैं, हालाँकि इनकी कुछ सीटें अन्य राज्य के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हो सकती हैं। हालांकि, निजी कॉलेजों के प्रवेश की परीक्षा में कोई उम्मीदवार भाग ले सकता है, बशर्ते वह भारतीय नागरिक हो।

3 वर्षीय एलएलबी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए शीर्ष परीक्षा

एलएलबी पाठ्यक्रम (LLB Syllabus)

एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले उम्मीदवारों को श्रम कानून, बौद्धिक संपदा अधिकार, कॉर्पोरेट विदि, कुटुंब विधि, आपराधिक विधि, मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून जैसे विषयों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष होती है, अधिकांश कॉलेजों ने इन तीन वर्षों को छह सेमेस्टर में विभाजित किया हुआ है।

कार्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम मूल रूप से एक ही होता है, लेकिन विभिन्न वैकल्पिक विषयों की पेशकश की जा सकती है, जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय के मामले में छात्रों के पास ऐसे वैकल्पिक प्रश्नपत्रों के समूह में से चुनाव का विकल्प होता है।

बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ (एलएलबी) कार्यक्रम के दौरान, उम्मीदवार को मूट कोर्ट में भाग लेने और इंटर्नशिप करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली विश्वविद्यालय में एक मूट कोर्ट सोसाइटी है, जहाँ छात्र अपने विधिक कौशल में सुधार कर सकें। फिर कई लॉ कॉलेजों, विशेष रूप से अच्छे कॉलेजों में, समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए नि:शुल्क गतिविधियाँ चलाने के लिए विधिक सहायता समितियां भी हैं। छात्र इन समितियों के सदस्य बनकर कई महत्वपूर्ण बातें सीखते हैं।

एलएलबी विशेषज्ञता (LLB Specializations)

आम तौर पर बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ प्रोग्राम में विशेषज्ञता जैसी कोई चीज नहीं होती है। लेकिन उम्मीदवार के पास कुछ विषय संयोजन चुनने की छूट होती है जिससे उन्हें एलएलएम डिग्री में कोई स्पेशलाइजेशन हासिल करने में मदद मिलती है।

स्नातक की डिग्री आमतौर पर आपराधिक विधि, अपकृत्य विधि, संविदा विधि, संवैधानिक/प्रशासनिक विधि, इक्विटी और ट्रस्ट, भूमि कानून और यूरोपीय कानून जैसे मुख्य मॉड्यूल को कवर करती है।

स्नातकोत्तर स्तर पर उम्मीदवार किसी चुने हुए विषय में विशेषज्ञता हासिल कर सकता है, जो इस प्रकार हो सकता है:

  1. संविधानिक विधि

  2. श्रम कानून

  3. कुटुंब विधि

  4. बौद्धिक संपदा कानून

  5. कराधान कानून

  6. कॉर्पोरेट कानून और शासन (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहित)

  7. आपराधिक विधि

  8. पर्यावरण विधि

  9. मानव अधिकार

  10. बीमा विधि

एलएलबी एंट्रेंस पाठ्यक्रम (LLB Syllabus in Hindi)

एलएलबी एंट्रेंस का पाठ्यक्रम हर कॉलेज के लिए अलग-अलग होता है। पाठ्यक्रम को जानने से उम्मीदवार को एक सूचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि क्या पाठ्यक्रम कैरियर के लक्ष्यों के अनुरूप है और उम्मीदवार की क्षमताओं और रुचियों से मेल खाता है। डीयू एलएलबी एंट्रेंस का सिलेबस नीचे दिया गया है-

डीयू एलएलबी एंट्रेंस का सिलेबस

क्रम

सेक्शन

टॉपिक

अंक

1

English Language Comprehension

unseen passages

grammar & comprehension

proverbs

antonyms & synonyms

one word substitute

sentence and word correction

spell checks

25

2

विश्लेषणात्मक कौशल

तार्किक तर्क

विश्लेषणात्मक तर्क

संख्या प्रणाली

प्रतिशत और औसत

लाभ हानि

समय गति और दूरी

क्षेत्रफल क्षेत्रमिति

प्रायिकता

वेन डायग्राम

लोग, काम और समय

रक्त संबंध

सेट, गुम संख्याएं और श्रृंखला

सांख्यिकी ग्राफ

25

3

विधिक जागरूकता और योग्यता

विधिक विचार

निष्कर्ष

विधिक शब्दावली

भारतीय संविधान के बेयर एक्ट

25

4

सामान्य ज्ञान

स्थायी सामान्य ज्ञान

समसामयिक मामले

25

कुल

100

3-वर्षीय एलएलबी के लिए एमएचटी सीईटी लॉ एंट्रेंस सिलेबस

विषय

टॉपिक

विधिक योग्यता और विधिक तर्क

भारतीय राजव्यवस्था, कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका सहित भारतीय राजनीति; तथ्यों के साथ कानून प्रस्ताव, संविधान आदि।

सामान्य ज्ञान (सामयिक विषयों सहित)

इतिहास (आधुनिक इतिहास और कानूनी इतिहास जैसे भारत सरकार के अधिनियम, स्वतंत्रता संग्राम आदि के विशेष संदर्भ में)।

भारतीय भूगोल (12वीं कक्षा तक)।

नवीनतम नियम और संशोधन

करंट अफेयर्स जैसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के नए कार्यक्रम, नियुक्तियाँ, खेल, पुरस्कार आदि।

तार्किक और विश्लेषणात्मक तर्क

तर्क तैयार करना, अच्छी तरह से तार्किक निष्कर्ष निकालना, सादृश्यता द्वारा तर्क, सिद्धांतों या नियमों को लागू करना।

सेट और बयान,

पज़ल

रक्त संबंध

श्रृंखला आदि

English

Vocabulary

Synonyms & Antonyms

Analogies

Idioms and Phrases

One-word Substitution

Sentence Improvement and rearrangement

Fill in the blanks

Errors - Common errors, Spotting errors, inappropriate usage of words, spelling mistakes etc., English Comprehension etc.

एलएलबी का दायरा

कई उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी करने का फैसला करते हैं क्योंकि यह एक सुरक्षित कॅरियर विकल्प माना जाता है। यदि उम्मीदवार एलएलबी पूरा करते हैं, तो वे एडवोकेट बन सकते हैं और कानूनी मामलों में काम कर सकता है। एलएलबी डिग्री धारक के पास निजी वकील के रूप में काम करने या सरकार के लिए काम करने का विकल्प होता है। सरकारी क्षेत्र में काम करने के लिए, उम्मीदवार को आम तौर पर लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा में सफलता पाने की आवश्यकता होती है।

इसके बाद कुछ छात्र उच्च अध्ययन करने और एलएलएम और यहां तक कि पीएचडी करने का भी फैसला कर सकते हैं। मास्टर स्तर पर किसी विशेषज्ञता का चुनाव किया जा सकता है जिससे रेज्युमे बेहतर बनेगा और नौकरी की संभावनाएँ अच्छी हो जाएँगी। कुछ शिक्षक बनने का फैसला कर सकते हैं, हाल के दिनों में इस पेशे की ओर रुझान बढ़ा है।

एलएलबी के बाद कॅरियर के अवसर (Career Options after LLB)

एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद सफलता के जिस स्तर तक पहुंचा जा सकता है इसकी कोई सीमा नहीं है। पूर्व में स्वर्गीय राम जेठमलानी और अरुण जेटली जैसे वकीलों ने बहुत ख्याति अर्जित की, वर्तमान में हरीश साल्वे और आर्यमा सुंदरम जैसे दिग्गज प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई आदि की सफलता यह बताने के लिए काफी है कि इस पेशे में आकाश की ऊँचाइयों तक पहुँचा जा सकता है।

एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद, व्यक्ति कई तरह की भूमिकाओं जैसे कॉर्पोरेट वकील, जज, कानूनी सलाहकार, कानूनी प्रबंधक- में काम कर सकते हैं।

हालाँकि, कोई कितनी सफलता अर्जित करता है, यह उनके कौशल के स्तर, चुने गए पेशे और अनुभव जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।

कुछ सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका चुनते हैं और हासिए पर जीवन जीने वाले वर्ग के कानूनी अधिकारों के लिए लड़ते हैं। यह भूमिका बहुत लुभावनी भले न लगे क्योंकि इसके लिए बहुत से बलिदान देने और शक्तिशाली लोगों के सामने खड़े होने की आवश्यकता होती है, लेकिन इस कार्य से मिलने वाली संतोष की कोई तुलना नहीं की जा सकती है।

महत्वपूर्ण प्रश्न:

एलएलबी कोर्स डिटेल हिंदी में (llb course details in hindi) प्रदान कीजिये?

एलएलबी कोर्स मुख्य रूप से तीन तथा पाँच वर्ष का डिग्री प्रोगाम है, जो भारत में विभिन्न विश्व-विद्यालयों द्वारा ऑफर किया जाता हैं। एलएलबी कोर्स डिटेल हिंदी में (llb course details in hindi) जानने के लिए ऊपर दिया गया लेख पूरा पढ़ें।

एलएलबी कितने साल की है (llb kitne saal ka hota hai)?

छात्र अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि एलएलबी कितने साल की है (llb kitne saal ka hota hai)। छात्रों की जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम को कर सकते हैं जबकि 5 वर्षीय एलएलबी एकीकृत विधिक डिग्री की पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद की जा सकती है।

Frequently Asked Question (FAQs)

1. भारत में एलएलबी की डिग्री की पढ़ाई करने के लिए पात्रता मानदंड क्या है?

मूल एलएलबी पात्रता मानदंड किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री है।

2. एलएलबी कार्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया क्या है?

एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दो चैनलों के माध्यम से आयोजित किया जाता है - 1) एक प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, और 2) योग्यता परीक्षा की योग्यता के आधार पर सीधे प्रवेश।

3. क्या भारत में कानून का अभ्यास करने के लिए एआईबीई परीक्षा देना अनिवार्य है?

किसी भी अदालत में कानून का अभ्यास करने के लिए, उम्मीदवार को एआईबीई परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए। तो, हाँ, आपको कानून का अभ्यास करने के लिए एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद एआईबीई परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।

4. एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद कोई किस तरह की नौकरी कर सकता है?

उम्मीदवार कार्यक्रम के पूरा होने के बाद वकील या वकील, कॉर्पोरेट सलाहकार और विभिन्न अन्य भूमिकाओं के रूप में काम कर सकता है।

5. क्या एलएलबी का पाठ्यक्रम सभी कॉलेजों में समान है या यह अलग है?

प्रत्येक विश्वविद्यालय का अपना एलएलबी पाठ्यक्रम होता है, जो अन्य संस्थानों से थोड़ा भिन्न हो सकता है, हालाँकि मौलिक पहलू वही रहते हैं।

6. क्या एलएलबी ग्रेजुएशन के बाद लॉ कोर्स है?

हां, 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स ग्रेजुएशन के बाद ही किया जाता है। कक्षा 12 के बाद 5 वर्षीय एकीकृत लॉ प्रोग्राम है।

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Questions related to L.L.B

Have a question related to L.L.B ?

Hello Aspirant,

The duration of LLB after completing the graduation or BALLB is of 3 years. In these 3 years of LLB, a student studies through a whole set of laws on different aspects of law sphere. It includes Criminal Law, Civil Law, Contract Law, Property Law, Co-operate Law, and constitutional Law.

The 3 year duration of LLB can vary. If you are doing an integrated program, the duration is 5 years.

I hope this information would be helpful for you.

Good luck.

Yes, a BA LLB course can be pursued in Gujarati language, but it depends on the specific institution offering the program. Some universities and law colleges in Gujarat provide legal education in regional languages, including Gujarati, especially for the BA (Bachelor of Arts) part of the course. However, legal education and professional practice often require proficiency in English and the official language of the court (which is usually English or Hindi in many parts of India).



The MH CET Law 5-Year LLB Result 2024 has been declared by the CET Cell, Maharashtra on June 26, 2024  Here are the key details:

- The result is available on the official website cetcell.mahacet.org.

- Candidates need to login using their email ID and password to access the scorecard.

- The scorecard includes details like name, date of birth, parents' name, category, roll number, application number, marks obtained, and overall rank.

- The MH CET Law 2024 Answer Key for the 5-year LLB course was released on June 6, 2024

The top rankers in the MH CET Law 5-Year LLB 2023 exam were

1. Vijay Kalyan Jha (Rank 1, Normalized CET Score 129)

2. Yash Raj (Rank 2, Normalized CET Score 128)

3. Isha (Rank 3, Normalized CET Score 126)

Candidates can check their individual scorecards by logging into the result portal on the official website.

The Centralized Admission Process (CAP) for MH CET Law 5-Year LLB admissions Round I began on July 11, 2024 .



hello khushi

Here are some ways to find previous year question papers for NFSU LLB (Hons) entrance exam.

  • NFSU Official Website:

    • Check the "Admissions" or "Academics" section of the NFSU website. Sometimes, universities upload sample question papers or previous year papers as a resource for students.
  • Library:

    • Visit the NFSU library or other law libraries in your area. They might have collections of previous year question papers or reference books containing them.
  • Coaching Institutes:

    • If you're enrolled in a coaching institute for law entrance exams, they might have access to or provide previous year question papers as part of their study material.
  • Senior Students:

    • Reach out to senior students who have appeared for the NFSU LLB(Hons) entrance exam. They might be able to share some questions or insights.
  • Online Forums and Groups:

    • Participate in online forums or social media groups related to law entrance exams. There's a possibility that someone might have shared or discussed previous year papers.

Hello student

The fees for BA LLB Hons in India can vary significantly depending on the university you choose. Here's a general idea:

  • Government Colleges vs. Private Colleges: Government colleges tend to be much cheaper, with fees ranging from 1.5 lakh to 3 lakh per year. Private colleges, especially the prestigious national law universities, can be much more expensive, with fees reaching up to 8 lakh or even higher per year.

  • Location: Fees can also vary depending on the location of the college. Colleges in major cities like Delhi or Mumbai might be more expensive compared to those in smaller towns.





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