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एलएलबी का फुल फॉर्म क्या है? (LLB Full Form in Hindi) : कानूनी पेशे में प्रवेश करने के इच्छुक छात्रों के बीच एलएलबी सबसे लोकप्रिय पाठ्यक्रमों में से एक है। यह दो स्तरों पर पेश किया जाता है: 12वीं कक्षा के बाद और स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद। कानून स्नातक लेगम बैकालॉरियस एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है बैचलर ऑफ लॉ। एलएलबी का फुल फॉर्म (LLB Full Form in Hindi) भारत में आमतौर पर बैचलर ऑफ लॉ या बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ के संदर्भ में उपयोग किया जाता है।
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भारतीय लॉ स्कूल आमतौर पर दो प्रकार के एलएलबी कार्यक्रम पेश करते हैं। ये हैं एकीकृत एलएलबी और 3 वर्षीय एलएलबी। एकीकृत एलएलबी पाठ्यक्रम 12वीं कक्षा के बाद उपलब्ध है। 3-वर्षीय एलएलबी एक पारंपरिक द्वितीय-डिग्री पाठ्यक्रम है और स्नातक होने के बाद उपलब्ध है। दोनों एलएलबी डिग्रियां एक दूसरे के समकक्ष मानी जाती हैं। आज भारत में 1700 लॉ स्कूल हैं जो एलएलबी पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं और सर्वोच्च कानून शिक्षा नियामक संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
कानून के क्षेत्र में कॅरियर की तलाश करने वाले उम्मीदवार उत्सुकता से जानना चाहते है कि एलएलबी का फुल फॉर्म क्या है। एलएलबी का फुल फॉर्म (LLB full form in hindi) बैचलर ऑफ लॉ होता है। इसके साथ ही छात्र यह प्रश्न भी पूछते हैं कि एलएलबी कितने साल की है? किसी भी विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले उम्मीदवार 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम को कर सकते हैं जबकि 5 वर्षीय एलएलबी एकीकृत विधिक डिग्री (5-year LLB integrated law program) है जिसकी पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद की जा सकती है।
एलएलबी शब्द लेगम बैकालॉरियस (Legum Baccalaureus) से लिया गया है। एलएलबी, जिसे बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ के नाम से भी जाना जाता है, एक 3 साल या 5 साल की अवधि का अंडरग्रैजुएट लॉ प्रोग्राम है जिसकी पढ़ाई क्रमशः स्नातक और 10 + 2 के बाद की जा सकती है। बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ असल में विधि (लॉ) का एक बुनियादी पाठ्यक्रम है जिसमें छात्रों को पेशे में अपनाई जाने वाली कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में पढ़ाया जाता है। पाठ्यक्रम छात्र को कानूनी मामलों की तार्किक, विश्लेषणात्मक और समालोचनात्मक समझ विकसित करने में मदद करता है और समाज के विधिक, सामाजिक और कानूनी मुद्दों को हल करने के लिए इन कौशलों का उपयोग कैसे करें, इसकी जानकारी दी जाती है। इसप्रकार एलएलबी का फुल फॉर्म (LLB full form in hindi) इस लेख में दिया गया है।
पाठ्यक्रम बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा अनुमोदित कॉलेजों द्वारा कराया जाता है। ध्यान रहे कि भारत में लॉ की प्रैक्टिस करने के लिए एलएलबी डिग्री धारक को बीसीआई द्वारा आयोजित की जाने वाली अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) में भी अर्हता प्राप्त करनी होगी।
3 वर्षीय बैचलर ऑफ लॉ को आम तौर पर छह सेमेस्टर में विभाजित किया जाता है, और छात्र बुनियादी कानून से शुरू करते हुए धीरे-धीरे संवैधानिक विधि, कुटुंब विधि, न्यायशास्त्र, आईपीसी, सीआरपीसी, अनुबंध के कानून आदि जैसे अन्य विषयों में प्रवेश करते हैं। पाठ्यक्रम के हिस्से के तौर पर छात्रों को अपने ज्ञान को आगे बढ़ाने तथा कानूनी पेशे के वास्तविक अनुभव प्राप्त करने के लिए कानून फर्मों, कॉर्पोरेट संगठनों एवं अदालतों में इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी करना पड़ता है।
आगे की शिक्षा के लिए ठोस आधार – इसके कई कोर्स छात्रों को कानून की पढ़ाई को व्यवसाय या लेखांकन के साथ-साथ अन्य डिग्री को लॉ से जोड़कर सशक्त बनाने का काम करते हैं।
नौकरी के बहुत से विकल्प - वकील होने के अलावा, विधि स्नातक विभिन्न क्षेत्रों जैसे मीडिया और लॉ, अकादमिक क्षेत्र, वाणिज्य और उद्योग, सामाजिक कार्य, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में काम करने के लिए सशक्त उम्मीदवार होते हैं।
वित्तीय स्थिरता – लॉ डिग्री तत्काल सफलता या बहुत बड़ी राशि की गारंटी भले नहीं देता है लेकिन ऐसा होना तय है। यह पेशेवर उपाधि उन लोगों की तुलना में अधिक कमाई और नौकरी की सुरक्षा प्रदान करती जिनके पास यह नहीं है।
गहन चिंतन और विश्लेषण कौशल में महारत- कानून के अध्ययन में अर्जित ज्ञान और कौशल छात्रों को जटिल परिस्थितियों या समस्याओं के दोनों पक्षों का विश्लेषण करने और ठोस तर्क और गहन चिंतन के आधार पर प्रभावी समाधान देने में सक्षम बनाता है।
कानूनी की मदद से फर्क पैदा करने की शक्ति – आपमें न्याय की मजबूत भावना हो सकती है और आप व्यवस्था के दोषों को दूर करने के इच्छुक हो सकते हैं। विधि की पढ़ाई आपको वह जानकारी और योग्यता प्रदान करती है जिससे आप अंततः इन महत्वपूर्ण बदलावों के लिए प्रयास कर सकें।
5-वर्षीय एकीकृत लॉ प्रोग्राम (5-year integrated law programme) के शुरू होने से पहले उम्मीदवारों के लिए 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम का ही विकल्प था। अब 5 वर्षीय पाठ्यक्रम की लोकप्रियता में वृद्धि हो चुकी है और 3-वर्षीय लॉ डिग्री (3-year law programme) का प्रभाव थोड़ा कम हुआ है।
एलएलबी के प्रकारों की बात करें तो, स्नातक होने के बाद किया जाने वाला लॉ कोर्स, विशिष्ट 3-वर्षीय एलएलबी कार्यक्रम है जो लगभग सर्वव्यापी है, क्योंकि यह अधिकांश प्रमुख और सामान्य विश्वविद्यालयों से किया जा सकता है। हाल के दिनों में पाठ्यक्रम को 5-वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम से प्रतिस्पर्धा मिल रही है और 5-वर्षीय एकीकृत प्रोग्राम तेजी से लोकप्रियता हासिल करता जा रहा है।
यूके में कुछ कॉलेजों द्वारा कराए जाने वाले 4-वर्षीय एलएलबी कार्यक्रम की ही तरह 4-वर्षीय एलएलबी भी मौजूद हैं। इस मामले में, एलएलबी कोर्स को अन्य विषयों के साथ जोड़ा जाता है और इसमें एक अतिरिक्त वर्ष लगता है। विषय संयोजन में विधि और राजनीति, या विधि और मानवाधिकार शामिल हो सकते हैं।
लेकिन ध्यान दें कि 4 साल का एलएलबी प्रोग्राम भारत में सामान्य नहीं है।
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बैचलर ऑफ लॉ के पात्रता मानदंड कॉलेजों में भिन्न हो सकते हैं, विशेष रूप से न्यूनतम अंकों से संबंधित; पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को देखें। यह महत्वपूर्ण है कि उम्मीदवार पात्रता मानदंड पहले से जानते हों और पूरा करते हों नहीं तो प्रवेश प्रक्रिया के किसी भी चरण में उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है।
1. योग्यता परीक्षा: चूंकि 3 वर्षीय एलएलबी स्नातक के बाद किया जाने वाला लॉ प्रोग्राम है, इसलिए लॉ की डिग्री के इच्छुक उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीसीए ( BA, B.Com, B.Sc, BBA, BCA) होना चाहिए।
2. योग्यता परीक्षा में न्यूनतम अंक: वांछित न्यूनतम अंक भिन्न हो सकते हैं। कुछ कॉलेज 50% की मांग करते हैं, जबकि अन्य केवल 45% की आवश्यकता होती है तो कुछ स्नातक की माँग करते हैं। इसके अलावा, आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम अंकों में छूट मिलती है।
3. आयु सीमा: पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा तय नहीं है।
4. अन्य मामले: ऐसे उम्मीदवार जो स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष/सेमेस्टर परीक्षा में उपस्थित हो रहे हैं, वे भी कानून की डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कॉलेज द्वारा निर्धारित अन्य पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने की आवश्यकता है, जिसमें उम्मीदवार प्रवेश लेना चाहता है।
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ग्रैजुएशन के बाद एलएलबी लॉ डिग्री कोर्स (LLB law degree course) में एडमिशन ले सकते हैं। एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दो चैनलों के माध्यम से किया जा सकता है: 1) प्रवेश परीक्षाओं के अंकों के आधार पर जैसे पीयू एलएलबी, डीयू एलएलबी, और एमएच सीईटी लॉ और 2) योग्यता परीक्षा (12वीं) के अंकों के आधार पर।
उम्मीदवार जिस कॉलेज में प्रवेश चाहते हैं उसके अनुसार परीक्षा का चुनाव करना चाहिए। उदाहरण के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए डीयू एलएलबी प्रवेश परीक्षा में सफलता पानी होती है। परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले निर्धारित पात्रता मानदंड की जाँच कर लेनी चाहिए। परीक्षा में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर काउंसलिंग और सीट आवंटन के लिए मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है।
योग्यता परीक्षा के अंकों के आधार पर सीधे प्रवेश की प्रक्रिया एक अन्य तरीका है। केएसएलयू की प्रवेश प्रक्रिया इसका एक अच्छा उदाहरण है। इस मामले में कोई प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाती और उम्मीदवार से केवल योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण होने, न्यूनतम अंक, और जन्म संबंधी पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने की अपेक्षा की जाती है। इस मामले में योग्यता सूची योग्यता (स्नातक) परीक्षा के अंकों को देखते हुए तैयार की जाती है।
ध्यान दें कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलएस) 3 साल के बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ डिग्री प्रोग्राम की पेशकश नहीं करते हैं। उनके पास स्नातक स्तर पर केवल 5 वर्षीय एकीकृत कार्यक्रम (5 year integrated programmes) हैं।
3 वर्षीय एलएलबी लॉ डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा को कई श्रेणियों- राष्ट्रीय स्तर (डीयू एलएलबी), विश्वविद्यालय स्तर (बीवीपी सीईटी लॉ), और राज्य स्तर (एमएच सीईटी लॉ) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं किसी भी उम्मीदवार द्वारा दी जा सकती हैं, लेकिन राज्य स्तरीय परीक्षाएं आम तौर पर केवल उस राज्य के मूल निवासियों के लिए होती हैं, हालाँकि इनकी कुछ सीटें अन्य राज्य के उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हो सकती हैं। हालांकि, निजी कॉलेजों के प्रवेश की परीक्षा में कोई उम्मीदवार भाग ले सकता है, बशर्ते वह भारतीय नागरिक हो।
एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले उम्मीदवारों को श्रम कानून, बौद्धिक संपदा अधिकार, कॉर्पोरेट विदि, कुटुंब विधि, आपराधिक विधि, मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून जैसे विषयों का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष होती है, अधिकांश कॉलेजों ने इन तीन वर्षों को छह सेमेस्टर में विभाजित किया हुआ है।
कार्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम मूल रूप से एक ही होता है, लेकिन विभिन्न वैकल्पिक विषयों की पेशकश की जा सकती है, जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय के मामले में छात्रों के पास ऐसे वैकल्पिक प्रश्नपत्रों के समूह में से चुनाव का विकल्प होता है।
बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ (एलएलबी) कार्यक्रम के दौरान, उम्मीदवार को मूट कोर्ट में भाग लेने और इंटर्नशिप करने की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, दिल्ली विश्वविद्यालय में एक मूट कोर्ट सोसाइटी है, जहाँ छात्र अपने विधिक कौशल में सुधार कर सकें। फिर कई लॉ कॉलेजों, विशेष रूप से अच्छे कॉलेजों में, समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए नि:शुल्क गतिविधियाँ चलाने के लिए विधिक सहायता समितियां भी हैं। छात्र इन समितियों के सदस्य बनकर कई महत्वपूर्ण बातें सीखते हैं।
आम तौर पर बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ प्रोग्राम में विशेषज्ञता जैसी कोई चीज नहीं होती है। लेकिन उम्मीदवार के पास कुछ विषय संयोजन चुनने की छूट होती है जिससे उन्हें एलएलएम डिग्री में कोई स्पेशलाइजेशन हासिल करने में मदद मिलती है।
स्नातक की डिग्री आमतौर पर आपराधिक विधि, अपकृत्य विधि, संविदा विधि, संवैधानिक/प्रशासनिक विधि, इक्विटी और ट्रस्ट, भूमि कानून और यूरोपीय कानून जैसे मुख्य मॉड्यूल को कवर करती है।
स्नातकोत्तर स्तर पर उम्मीदवार किसी चुने हुए विषय में विशेषज्ञता हासिल कर सकता है, जो इस प्रकार हो सकता है:
कुटुंब विधि
कॉर्पोरेट कानून और शासन (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहित)
मानव अधिकार
बीमा विधि
एलएलबी एंट्रेंस का पाठ्यक्रम हर कॉलेज के लिए अलग-अलग होता है। पाठ्यक्रम को जानने से उम्मीदवार को एक सूचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि क्या पाठ्यक्रम कैरियर के लक्ष्यों के अनुरूप है और उम्मीदवार की क्षमताओं और रुचियों से मेल खाता है। डीयू एलएलबी एंट्रेंस का सिलेबस नीचे दिया गया है-
क्रम | सेक्शन | टॉपिक | अंक |
1 | English Language Comprehension | unseen passages grammar & comprehension proverbs antonyms & synonyms one word substitute sentence and word correction spell checks | 25 |
2 | विश्लेषणात्मक कौशल | तार्किक तर्क विश्लेषणात्मक तर्क संख्या प्रणाली प्रतिशत और औसत लाभ हानि समय गति और दूरी क्षेत्रफल क्षेत्रमिति प्रायिकता वेन डायग्राम लोग, काम और समय रक्त संबंध सेट, गुम संख्याएं और श्रृंखला सांख्यिकी ग्राफ | 25 |
3 | विधिक जागरूकता और योग्यता | विधिक विचार निष्कर्ष विधिक शब्दावली भारतीय संविधान के बेयर एक्ट | 25 |
4 | सामान्य ज्ञान | स्थायी सामान्य ज्ञान समसामयिक मामले | 25 |
कुल | 100 | ||
विषय | टॉपिक |
विधिक योग्यता और विधिक तर्क | भारतीय राजव्यवस्था, कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका सहित भारतीय राजनीति; तथ्यों के साथ कानून प्रस्ताव, संविधान आदि। |
सामान्य ज्ञान (सामयिक विषयों सहित) | इतिहास (आधुनिक इतिहास और कानूनी इतिहास जैसे भारत सरकार के अधिनियम, स्वतंत्रता संग्राम आदि के विशेष संदर्भ में)। भारतीय भूगोल (12वीं कक्षा तक)। नवीनतम नियम और संशोधन करंट अफेयर्स जैसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के नए कार्यक्रम, नियुक्तियाँ, खेल, पुरस्कार आदि। |
तार्किक और विश्लेषणात्मक तर्क | तर्क तैयार करना, अच्छी तरह से तार्किक निष्कर्ष निकालना, सादृश्यता द्वारा तर्क, सिद्धांतों या नियमों को लागू करना। सेट और बयान, पज़ल रक्त संबंध श्रृंखला आदि |
English | Vocabulary Synonyms & Antonyms Analogies Idioms and Phrases One-word Substitution Sentence Improvement and rearrangement Fill in the blanks Errors - Common errors, Spotting errors, inappropriate usage of words, spelling mistakes etc., English Comprehension etc. |
कई उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी करने का फैसला करते हैं क्योंकि यह एक सुरक्षित कॅरियर विकल्प माना जाता है। यदि उम्मीदवार एलएलबी पूरा करते हैं, तो वे एडवोकेट बन सकते हैं और कानूनी मामलों में काम कर सकता है। एलएलबी डिग्री धारक के पास निजी वकील के रूप में काम करने या सरकार के लिए काम करने का विकल्प होता है। सरकारी क्षेत्र में काम करने के लिए, उम्मीदवार को आम तौर पर लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा में सफलता पाने की आवश्यकता होती है।
इसके बाद कुछ छात्र उच्च अध्ययन करने और एलएलएम और यहां तक कि पीएचडी करने का भी फैसला कर सकते हैं। मास्टर स्तर पर किसी विशेषज्ञता का चुनाव किया जा सकता है जिससे रेज्युमे बेहतर बनेगा और नौकरी की संभावनाएँ अच्छी हो जाएँगी। कुछ शिक्षक बनने का फैसला कर सकते हैं, हाल के दिनों में इस पेशे की ओर रुझान बढ़ा है।
एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद सफलता के जिस स्तर तक पहुंचा जा सकता है इसकी कोई सीमा नहीं है। पूर्व में स्वर्गीय राम जेठमलानी और अरुण जेटली जैसे वकीलों ने बहुत ख्याति अर्जित की, वर्तमान में हरीश साल्वे और आर्यमा सुंदरम जैसे दिग्गज प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई आदि की सफलता यह बताने के लिए काफी है कि इस पेशे में आकाश की ऊँचाइयों तक पहुँचा जा सकता है।
एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद, व्यक्ति कई तरह की भूमिकाओं जैसे कॉर्पोरेट वकील, जज, कानूनी सलाहकार, कानूनी प्रबंधक- में काम कर सकते हैं।
हालाँकि, कोई कितनी सफलता अर्जित करता है, यह उनके कौशल के स्तर, चुने गए पेशे और अनुभव जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है।
कुछ सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका चुनते हैं और हासिए पर जीवन जीने वाले वर्ग के कानूनी अधिकारों के लिए लड़ते हैं। यह भूमिका बहुत लुभावनी भले न लगे क्योंकि इसके लिए बहुत से बलिदान देने और शक्तिशाली लोगों के सामने खड़े होने की आवश्यकता होती है, लेकिन इस कार्य से मिलने वाली संतोष की कोई तुलना नहीं की जा सकती है।
महत्वपूर्ण प्रश्न:
एलएलबी कोर्स डिटेल हिंदी में (llb course details in hindi) प्रदान कीजिये?
एलएलबी कोर्स मुख्य रूप से तीन तथा पाँच वर्ष का डिग्री प्रोगाम है, जो भारत में विभिन्न विश्व-विद्यालयों द्वारा ऑफर किया जाता हैं। एलएलबी कोर्स डिटेल हिंदी में (llb course details in hindi) जानने के लिए ऊपर दिया गया लेख पूरा पढ़ें।
एलएलबी कितने साल की है (llb kitne saal ka hota hai)?
छात्र अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि एलएलबी कितने साल की है (llb kitne saal ka hota hai)। छात्रों की जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्र 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम को कर सकते हैं जबकि 5 वर्षीय एलएलबी एकीकृत विधिक डिग्री की पढ़ाई इंटरमीडिएट के बाद की जा सकती है।
एलएलबी का फुल फॉर्म क्या है? (LLB Full Form in Hindi)
एलएलबी का फुल फॉर्म (LLB Full Form in Hindi) भारत में आमतौर पर बैचलर ऑफ लॉ या बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ के लिए उपयोग किया जाता है। एलएलबी शब्द लैटिन भाषा के लेगम बैकालॉरियस (Legum Baccalaureus) से लिया गया है। एलएलबी, जिसे बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ के नाम से भी जाना जाता है, एक 3 साल या 5 साल की अवधि का अंडरग्रैजुएट लॉ प्रोग्राम है जिसकी पढ़ाई क्रमशः स्नातक और 10 + 2 के बाद की जा सकती है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
मूल एलएलबी पात्रता मानदंड किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री है।
एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दो चैनलों के माध्यम से आयोजित किया जाता है - 1) एक प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, और 2) योग्यता परीक्षा की योग्यता के आधार पर सीधे प्रवेश।
किसी भी अदालत में कानून का अभ्यास करने के लिए, उम्मीदवार को एआईबीई परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए। तो, हाँ, आपको कानून का अभ्यास करने के लिए एलएलबी की डिग्री पूरी करने के बाद एआईबीई परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
उम्मीदवार कार्यक्रम के पूरा होने के बाद वकील या वकील, कॉर्पोरेट सलाहकार और विभिन्न अन्य भूमिकाओं के रूप में काम कर सकता है।
प्रत्येक विश्वविद्यालय का अपना एलएलबी पाठ्यक्रम होता है, जो अन्य संस्थानों से थोड़ा भिन्न हो सकता है, हालाँकि मौलिक पहलू वही रहते हैं।
हां, 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स ग्रेजुएशन के बाद ही किया जाता है। कक्षा 12 के बाद 5 वर्षीय एकीकृत लॉ प्रोग्राम है।
On Question asked by student community
Hello,
After completing a BA, to pursue LLB from Allahabad University , you need to follow these steps:
Check Eligibility: You must have a graduation degree (like BA) with at least 50% marks (for general category; 45% for reserved categories).
Apply for Entrance Exam: Allahabad University conducts an entrance test for LLB admission.
Prepare for the Exam: Study subjects like General Knowledge, English, and Legal Aptitude.
Fill Application Form: Apply online/offline as per the university’s schedule.
Appear for the Exam: Take the LLB entrance test.
Counseling/Admission: If you qualify, participate in counseling and complete admission formalities.
Hope it helps !
Hello, for a 3 year LLB Degree at Banaras Hindu University, the fee is very nominal. The annual tuition fee is around Rupees 600, while total semester wise charges, including other minor fees range from rupees 1500 to 2300 per semester. This makes BHU one of the most affordable options for pursuing an LLB, compared to other private law colleges. Additional costs for hostel and mess are separate, but the overall academic expense is quite low. Hope this helps!
Hello,
To get a BZ LLB course at Allahabad University, you must meet the eligibility criteria, which include passing the 10+2 exam with a minimum of 45% for general, 42% for OBC, or 40% for SC/ST candidates. You then need to appear for the CUET and participate in the subsequent counselling process, including document upload and fee payment.
I hope it will clear your query!!
Allahabad University is a well known university which offers lots of courses, one of them is BA LLB .It a five-year integrated undergraduate program that combines a Bachelor of Arts degree with a Bachelor of Legislative Law .
Here is the link attached from the official website of Careers360 which will provide you with detailed information about BA LLB course of Allahabad university, this will include their fees structure, course fees, duration etc.
https://www.careers360.com/university/university-of-allahabad-allahabad/courses/ba-llb-idpg
thank you
Hello,
B.A le LLB ke liye aapko LLB ka 3 saal ka course karna hoga kisi university ya college se, jiske liye aapko entrance exam dena hoga. Aap CLAT ki preparation bhi kar sakte hai ya phir aur durse national level exams jaise AILET or SLAT. Uske liye aapko previous year papers solve karne honge, mock tests dijiye aur legal current affairs follow kariye. Coaching bhi le sakte hai agar guidance ki jarurt hui toh.
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